महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने पर सोमवार को कांग्रेस और राकांपा के शीर्ष नेताओं की बैठकें हुईं। इसबीच, शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। समर्थन को लेकर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कार्यसमिति कोई निर्णय नहीं ले पाई। अब कांग्रेस ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं को चर्चा के लिए शाम 4 बजे दिल्ली बुलाया है। राकांपा ने कोर कमेटी की बैठक के बाद कहा कि हमारे विधायक सरकार बनाने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस के बगैर कोई फैसला नहीं लेंगे।
भाजपा-शिवसेना 30 साल में दूसरी बार अलग हो रहे हैं। दोनों दलों के बीच 1989 में गठबंधन हुआ था। 1990 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। 2014 विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दल अलग हो गए थे। दोनों दलों ने चुनाव भी अलग लड़ा। हालांकि, बाद में सरकार में दोनों साथ रहे।